बगैर 'डॉक्टर' के हाईटेक Clinic खोलने की तैयारी में योगी सरकार, मशीनें देंगी दवाएं
गोरखपुर के सीएमओ (CMO) के मुताबिक इन OPD क्लीनिक में एक भी डॉक्टर नहीं होगा. वहीं नर्स, लैब टेक्नीशियन और स्वीपर ही तैनात होंगे. इनमें मशीन ही खून की जांच करेगी, रक्तचाप, धड़कन नापेगी. दूर कहीं बैठे डॉक्टर टेलीकांफ्रेंसिंग पर मरीज से बात करेंगे. स्क्रीन पर रिपोर्ट देख लेंगे. वो जो दवा बताएंगे, वो मरीज को मशीन से ही मिल जाएगी.
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी सरकार (Yogi Government) अब पायलट प्रोजेक्ट (Pilot Project) के तहत प्रदेश के गांवों में हाईटेक क्लीनिक (Hitech clinic) खोलने की तैयारी कर रही है. गोरखपुर के सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी ने न्यूज़18 से बातचीत में बताया कि बगैर डॉक्टर के अस्पताल संचालन अनोखा प्रयोग है. सीएमओ के मुताबिक इन OPD क्लीनिक में एक भी डॉक्टर नहीं होगा. वहीं नर्स, लैब टेक्नीशियन और स्वीपर ही तैनात होंगे. इनमें मशीन ही खून की जांच करेगी, रक्तचाप, धड़कन नापेगी. दूर कहीं बैठे डॉक्टर टेलीकांफ्रेंसिंग पर मरीज से बात करेंगे. स्क्रीन पर रिपोर्ट देख लेंगे. वो जो दवा बताएंगे, वो मरीज को मशीन से ही मिल जाएगी.
टेलीकांफ्रेंसिंग से मरीजों का इलाज
डॉ. श्रीकांत तिवारी ने कहा, मल्टी-नेशनल कंपनी सूबे की 10 पीएचसी पर OPD स्थापित करेगी. इसके लिए आवश्यक मशीनें लगाएगी. पंजीकरण के लिए नर्स और मरीजों के खून का नमूना लेने के लिए लैब तकनीशियन तैनात होंगे. सभी पीएचसी को कमांड सेंटर से जोड़ा जाएगा. वहीं वेब कैमरे से कमांड सेंटर को मरीज अपने बीमारी के लक्षणों की जानकारी देंगे. उन्होंने बताया कि ऑटोमेटिक मशीनों से मरीज के बीपी, नब्ज की गति की जानकारी कमांड सेंटर को मिलेंगी. सभी रिपोर्ट के आधार पर बीमारी की पहचान होगी.
10 जिले चयनित
तिवारी बताते हैं कि 10 जिलों के एक-एक अस्पताल का चयन किया गया है. इनमें गोरखपुर की अर्बन हेल्थ पोस्ट रामपुर शामिल हैं. वाराणसी से भी एक अर्बन हेल्थ पोस्ट का चयन हुआ है. इसके अलावा श्रावस्ती, बहराइच, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, चंदौली, सोनभद्र, चित्रकूट व फतेहपुर शामिल है.
यूरोपीय देशों में उपयोग
यूरोपीय देशों में दशकों से टेली मेडिसिन का उपयोग हो रहा है. भारत में भी प्राईवेट सेक्टर में शुरू हो रहा है. पर उसमें मरीज के साथ भी एक डॉक्टर होता है, जो वीडियो कांफ्रेंसिंग कर दूसरे डॉक्टर से बात करता है.